भोपाल। प्रदेश में अतिवृष्टि से हुए नुकसान और प्रभावित किसानों के प्रति प्रदेश की कमलनाथ सरकार गंभीर नहीं है। किसानों को हुए नुकसान की भरपाई तो दूर, सरकार में बैठे लोग अधिकारियों को यह मौखिक निर्देश दे रहे हैं कि किसानों को हुए नुकसान का कम से कम आंकलन किया जाए, ताकि मुआवजा न देना पड़े। यह बात भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री रणवीरसिंह रावत ने कमलनाथ सरकार द्वारा की जा रही किसानों की उपेक्षा पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कही।
भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री रणवीर सिंह रावत ने कहा कि ग्वालियर और चंबल संभाग के 32 गांवों में किसान मोर्चा के पदाधिकारी नुकसान का जायजा लेने पहुंचे थे। उन्होंने पाया कि इनमें से अधिकांश गांवों में राजस्व विभाग का अमला अब तक सर्वे के लिए नहीं पहुंचा। जिला प्रशासन के निर्देश पर राजस्व अधिकारियों ने घर बैठे फसल नुकसानी का आंकलन 25 प्रतिशत से कम बताकर किसानों के साथ धोखा किया है। इससे स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार किसानों के प्रति असंवेदनशील है और किसानों को मुआवजा राशि न मिल सके, इसके लिए फसल नुकसानी का आंकलन कम से कम किया जा रहा है।
श्री रणवीर सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री सहित सरकार के मंत्री भी इस आपदा में किसानों से मुंह मोड़कर बैठे हुए है। जबकि पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान प्राकृतिक आपदा होने पर तुरंत ही किसानों के खेत में पहुंचकर किसानों को हिम्मत और ढांढस बधांते थे। किसानों के लिए सरकार की ओर से हरसंभव सहायता तुंरत पहुंचाने का प्रशासन को निर्देश देते थे।
श्री रावत ने कहा कि किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों के खेतों का मुआयना करने पर पाया कि जिला प्रशासन किसानों के प्रति असंवेदनशील रवैया अपनाए हुए है। श्री रावत ने बताया कि वर्ष 2018 और वर्ष 2019 के रबी मौसम में हुई ओलावृष्टि की मुआवजा राशि भी अभी तक किसानों को नहीं मिली है। नए वर्ष में भी प्रभावित किसानों को सरकार की ओर से अभी तक कोई राहत प्राप्त नहीं हुई है।